Think health and earn wealth
आप जो चाहें उससे पा सकते हैं । उसके सहारे आपका जीवन जहाँ जाना चाहता है , जा सकता है , जहाँ पहुँचना चाहता है , जो बनना चाहता है बन सकता है । ऐसा कल्पवृक्ष हर किसीके पास है ।
सुंआ सखणा कोई नहीं सबके भीतर लाल । मूरख ग्रंथि खोले नहीं करमी भयो कंगाल ।। वह कल्पवृक्ष है तुम्हारा मन । मन से मित्रता कर लो , मन की शक्ति को पहचान लो , मन पर नियंत्रण पालो तो महाराज ! मन मुक्ति के द्वार दिखा देखा । वही मन अगर अशुद्ध रहा , अनियंत्रित रहा तो युगों और सदियों तक तुम्हें पराधीन बनाये रखेगा , अपनी गुलामी की जंजीरों में जकड़े रखेगा , दारुण दुःखों में दफनाता रहेगा , कातिल कष्टों में , संसार के ताप - संताप में पिसता रहेगा । मनः एव मनुष्याणां कारणं बन्धमोक्षयोः । ' मन ही मनुष्यों के बन्धन और मोक्ष का कारण है । ' विश्वभर में जिन्होंने भी सिद्धि पायी है , किसी भी क्षेत्र में सफलता पायी है , व्यवहार या परमार्थ के उत्तुंग शिखर सर किये हैं उन सबने यह चमत्कारिक मनरूपी कल्पवृक्ष को साधा है , उसकी शक्तियाँ जानी हैं , उन शक्तियों का सदुपयोग किया है , भुक्ति और मुक्ति के भागी बने हैं । आपके पास भी यही कल्पवृक्ष मौजूद है । अब जरा देखो सोचो , समझो , निरीक्षण करो कि इस कल्पवृक्ष आप मीठे फल ले रहे हो कि कातिल काँटों के शिकार बन रहे हो ? उसके पास सब कुछ है । आप संकल्प करो और फल तैयार । अतः ऐसे मनरूपी कल्पवृक्ष के नीचे बैठकर आप कभी अपनेको लघुताग्रंथि में न बाँधो । अपने भाग्य को कभी ठुकराओ नहीं ।
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