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Health fear freedom

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मृत्यु के समय दुःख या भय से मुक्ति जिन लोगों का आत्मा के अस्तित्व पर विश्वास है , पुनर्जन्म मानते हैं , वे यह समझते हैं कि मृत्यु भी आत्मा की एक अवस्था विशेष है । जिस प्रकार स्थूल शरीर को आत्मा धारण करती है और उस स्थूल शरीर को नित्य बदलती रहती है , कभी बचपन उसमें दिखाई देता है , कभी किशोर अवस्था , कभी जवानी दिखाई देती है तो कभी बुढ़ापा । शरीर के रहने पर जिस प्रकार अनेक अनेक रूपान्तर होते हैं उसी प्रकार इस देह द्वारा संस्कारों का भोग प्राप्त होने पर इस देह को छोड़ कर दूसरे भोगोपयुक्त शरीर की रचना होती है । पहले शरीर को छोड़ना मृत्यु कहलाता है और शरीर को धारण करना जन्म ।  ईसी प्रकार जन्म एवं मृत्यु का चक्कर चला करता है । पर ऐसे लोग भी इस दुनियाँ में हैं जो आत्मा के अस्तित्व को स्वीकार नहीं करते और इसलिये पूर्वजन्म पर भी उनका विश्वास नहीं उनके लिये यही जन्म सब कुछ होता है । इसलिये इस जन्म के प्रति , इस शरीर के प्रति उनमें अधिक मोह - अधिक ममत्व रहता है और सत्ता नाश का डर तो बना ही रहता है । ' हम काहू के मारे न मरें कहने वाले अनेक व्यक्तियों की कथायें पुराण इतिहास में मिल जाती है जन्म औ...

हेल्थ का असर

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मृत्यु से डरने की कोई बात नहीं , क्योंकि कपड़ा बदलने के समान यह एक स्वाभाविक एवं साधारण बात है । परन्तु मृत्यु को ध्यान में रखना आवश्यक है । मार्ग के विश्रामगृह में ठहरे हुए यात्री को जैसे रातभर ठहर कर कूच की तैयारी करनी पड़ती है और फिर दूसरी रात किसी अन्य विश्रामगृह में ठहरना पड़ता है , उसी प्रकार जीव भी एक जीवन को छोड़ कर दूसरे जीवनों में प्रवेश करता रहता है ।  क्षणिक जीवन में कोई ऐसा कार्य न करना चाहिए जिससे आगे की प्रगति में बाधा पड़े । विश्रामगृह के अनावश्यक झगड़ों में उलझ कर जैसे कोई मूर्ख यात्री मुकदमा , जेल में फँस जाता है और अपनी यात्रा का उद्देश्य बिगाड़ लेता है , वैसे ही जो लोग वर्तमान जीवन के तुच्छ लाभों के लिए अपना परम् लक्ष्य नष्ट कर लेते हैं वे निश्चय ही अज्ञानी हैं ।  जीवन एक नाटक की तरह है । इस अभिनय को हमें इस प्रकार खेलना चाहिए कि दूसरों को प्रसन्नता हो और अपनी प्रशंसा हो । नाटक खेलते समय सुख और दुःख के अनेक प्रसंग आते हैं , पर अभिनय करने वाला पात्र उस अवसर पर वस्तुतः सुखी या दुःखी नहीं होता । इसी प्रकार हम को जीवन रूपी खेल में बिना किसी उद्वेग के अभिनय का क...

Think health and earn wealth

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 आप जो चाहें उससे पा सकते हैं । उसके सहारे आपका जीवन जहाँ जाना चाहता है , जा सकता है , जहाँ पहुँचना चाहता है , जो बनना चाहता है बन सकता है । ऐसा कल्पवृक्ष हर किसीके पास है ।  सुंआ सखणा कोई नहीं सबके भीतर लाल । मूरख ग्रंथि खोले नहीं करमी भयो कंगाल ।। वह कल्पवृक्ष है तुम्हारा मन । मन से मित्रता कर लो , मन की शक्ति को पहचान लो , मन पर नियंत्रण पालो तो महाराज ! मन मुक्ति के द्वार दिखा देखा । वही मन अगर अशुद्ध रहा , अनियंत्रित रहा तो युगों और सदियों तक तुम्हें पराधीन बनाये रखेगा , अपनी गुलामी की जंजीरों में जकड़े रखेगा , दारुण दुःखों में दफनाता रहेगा , कातिल कष्टों में , संसार के ताप - संताप में पिसता रहेगा । मनः एव मनुष्याणां कारणं बन्धमोक्षयोः । ' मन ही मनुष्यों के बन्धन और मोक्ष का कारण है । ' विश्वभर में जिन्होंने भी सिद्धि पायी है , किसी भी क्षेत्र में सफलता पायी है , व्यवहार या परमार्थ के उत्तुंग शिखर सर किये हैं उन सबने यह चमत्कारिक मनरूपी कल्पवृक्ष को साधा है , उसकी शक्तियाँ जानी हैं , उन शक्तियों का सदुपयोग किया है , भुक्ति और मुक्ति के भागी बने हैं । आपके पास भी यही कल्पव...

स्वस्थस्य ही सब कुछ है

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 अटूट विश्वास इंसान अपने दिमाग में जो भी बना सकता है और जिस पर वह विश्वास करता है , वह उसे हासिल कर सकता है । नेपोलियन हिल के अनुसार किसी भी व्यक्ति एवं वस्तु पर पूरी तरह से भरोसा करना ही विश्वास है । किसी भी चीज़ के होने से बहुत पहले ही उस पर भरोसा करना ही विश्वास है । विश्वास करना ही किसी उपलब्धि को पाने की ओर पहला कदम है । सब कुछ हकीकत में बदलेगा अगर आप उस पर भरोसा रखेंगे ।  अगर किसी काम के बारे में आपको यह लगता है कि वह होने वाला नहीं है , तो आप उसको करने की कोशिश ही क्यों करेंगे ? हर काम विश्वास के साथ शुरू कीजिए और इसी से निर्धारित होगा कि आप उसमें कितनी दूर जाने वाले हैं । किसी भी बात की हर बार पुष्टि , हमें विश्वास की ओर अग्रसर करती है और जब विश्वास में गहरी आस्था होने लगती है , तब चीजें अपने आप होने लगती हैं । - मोहम्मद अली आपका अपलाइन आपकी ट्रेनिंग एवं डेवलपमेंट सिस्टम मार्केटिंग स्वयं पर विश्वास आपकी टीम कपनी बिज़नेस में सफल होने के लिए आपको दो ताक़तों पर विश्वास करना ज़रूरी है बाहरी ताक़तें और अंदरूनी ताक़तें । Believeness in al l          ...